ॐ गुरुजी !
ओं सोऽहं अलियं कलियं श्रीसुन्दरी बाला |
कौन जपन्ते ओं ? कौन जपन्ते सोऽहं ?
कौन जपन्ते अलियं ? कौन जपन्ते कलियं ?
कौन जपन्ते सुन्दरी ? कौन जपन्ते बाला ?
ओं जपन्ते निरन्जन निराकार अवगत सरुपी |
सोऽहं जपन्ते माई पारवती महादेव ध्यान सरुपी |
अलियं जपन्ते ब्रह्मा सरस्वती वेद सरुपी |
कलियं जपन्ते धरतीमाता अन्नपूर्णेश्वरि |
बाला जपन्ते श्रीशम्भुयति गुरुगोरक्षनाथ शिव सरुपी |
आ ओ सुन्दर आलं पूछे देह कौन कौक योगेश्वरा ?
कौन कौन नगेश्वरा ? धाव धाव ईश्वरी ! धाव धाव महेश्वरी !
बायें हाथ पुस्तक | दाहिने हाथ माला |
जपो तपो श्रीसुन्दरी गुरुगोरक्ष बाला |
इतना मन्त्र सम्पूर्ण भया अनन्तकोटि सिद्धों में बैठकर श्रीशम्भुयति गुरु गोरक्षनाथजी ने नौनाथ चौरासी सिद्धों को पढ़ कथकर सुनाया सिद्धों ! आदेश आदेश ||
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