सत नमो आदेश गुरु को आदेश ॐ गुरु जी, चण्डी-चण्डी तो प्रचण्डी अलावला फिरे नव-खण्डी । तीर बाँधू, तलवार बाँधू, बीस कोस पर बाँधू वीर चक्र ऊपर चक्र चले, भैरो बली के आगे धरे, छल चले, बल चले, तब जानवा काल-भैरों/ तेरा रूप । कौन भैंरों ? आदि भैरो, युगादि भैरो, त्रिकाल भैरों, कामरु देश रोला मचावे, जिस माता का दूध पिया, सो माता की रक्षा करना, अवधूत खप्पर में खाय । मसान में लेटे, काल-भैरों की पूजा कौन मेटे ? राजा मेटे राज-पाट से जाय योगी मेटे, योग-ध्यान से जाय, प्रजा मेटे । दूध-पूत से जाय, लेना भैरों, लौंग सुपारी, कड़वा प्याला, भेंट तुम्हारी । हाथ काती मोढ़े मढ़ा, जहाँ सिमरूँ तहाँ हाजिर खड़ा । श्री नाथ जी, गुरु जी - आदेश - आदेश ॥
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