Monday 24 February 2014

मन्त्रपुश्पांजलि

सं सर्वात्मकं श्री सद्गुरुवे नमः, मन्त्रपुश्पांजलि समर्पयामि ओमकाराची वलये सोऽहं च नाद , माता कुन्दलिनिला घाली साद, तीव्र साधनेचे तरल पडसाद, मार्ग दाखविती माया मछिन्द्रनाथ सांडोनी संशय धरी निर्धार , श्री गुरु मूर्ति कानीफा देईल आपार , सहज गुरु कृपा सागर , तुज नुपेक्षी सर्वदा, गुरु हा संत कुलिचा राजा , गुरु हा प्राण विसावा माज़ा .. अगर हम नवनाथ के नाम पर , तो नवनाथ हमारे काम पर ....................... अगर हम अपने काम पर , तो नवनाथ अपने निजधाम पर ................................

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